देहरादून: चारधाम यात्रा के पहले पड़ाव यमुनोत्री को निकाय का हिस्सा बनने के लिए मांग उठने लगी है। यह मांग स्थानीय विधायक संजय डोभाल ने की है। उन्होंने कहा है कि यदि यमुनोत्री नगर पंचायत बनती है तो इससे निकाय क्षेत्र में मिलने वाली सभी सुविधा स्थानीय लोगों व बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को मिल सकेंगी। बताया कि अमूमन देखा जाता है कि बाहर से आने वाले यात्रियों को उचित सुविधा न मिलने के अभाव में दो-चार होना पड़ता है। कहा कि यदि यमुनोत्री नगर पंचायत बनती है तो संविधान के 74वे संशोधन में प्रदत सभी सुख सुविधा मिल सकेंगी।
विधायक संजय डोभाल का यह भी कहना है कि, मौजूदा व्यवस्थाओं में लाइटिंग की प्रॉपर सुविधा नहीं है। सफाई ठीक प्रकार से नहीं होती है। घोड़े खच्चरों द्वारा की गई गंदगी का सड़कों पर अंबार रहता है। इतना ही नहीं मजदूर वर्ग पर्याप्त शौचालय नहीं होने से यमुना नदी के किनारे शौच करने को मजबूर हो जाते हैं। यात्री इतने परेशान हो जाते हैं कि जो एक बार यात्रा करने यमुनोत्री आता है वह दोबारा आने में संकोच करता है। बताया कि नगर पंचायत बनने से नगर का परिदृश्य अलग दिखाई देगा। पर्याप्त मात्रा में शौचालय होंगे, ड्रेनेज सिस्टम बेहतर होगा, सफाई कर्मचारी पर्याप्त मात्रा में होंगे इसके साथ ही श्रद्धालु और अन्य लोगों के लिए बेहतर व्यवस्था हो सकेगी।
निकाय का हिस्सा बनने पर मिलेंगी यह सुविधाएं: अपर निदेशक शहरी विकास
वही इस पूरे प्रकरण पर अपर निदेशक शहरी विकास विभाग विनोद कुमार ने बताया कि, यमुनोत्री यदि निकाय का हिस्सा बनती है तो कई सुविधाएं मिलेंगी। कहा कि नगर पंचायत उन क्षेत्रों में पाई जा सकती है जो ग्रामीण से शहरी क्षेत्रों में संक्रमण के कगार पर हैं बताया कि 74वां संविधान संशोधन के अनुसार 12वी अनुसूची में वर्णित 18 प्रकार के लाभ हासिल होते है।
कहा कि लोक स्वास्थ्य, स्वच्छता सफाई और कूड़ा-कर्कट प्रबंध। गंदी-बस्ती सुधार और प्रोन्नयन। नगरीय निर्धनता उन्मूलन। शव गाड़ना और कब्रिस्तान, शव दाह और शमसान और विद्युत शवदाहगृह। कांजी हाउस, पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण जन्म-मरण सांख्यिकी, जिसके अंतर्गत जन्म और मृत्यू रजिस्ट्रीकरण भी है। सार्वजनिक सुख-सुविधाएँ, जिनके अंतर्गत सड़कों पर प्रकाश पार्किंग स्थल, बस स्टाॅप और जन सुविधाएँ भी है। वधशालाओं और चर्मशोधन शालाओं का विनियमन।आर्थिक और सामाजिक विकास योजना। सड़कें व पुल। नगरीय वानिकी, पर्यावरण का संरक्षण और पारिस्थितिकी आयामों की अभिवृद्वि। समाज के दुर्बल वर्गों के, जिनके अंतर्गत विकलांग और मानसिक रूप से मंद व्यक्ति भी हैं, हितों की रक्षा। नगरीय सुख-सुविधाओं, जैसे पार्क, उद्यान, खेल के मैदानों की व्यवस्था। सांस्कृतिक, शैक्षणिक और सौंदर्य परक आयामों की अभिवृद्वि। नगरीय योजना जिसके अंतर्गत नगर योजना भी है। भूमि उपयोग का विनियमन और भवनों का निर्माण। घरेलू, औद्योगिक और वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए जल प्रदाय। साथ ही अग्निशमन सेवाओं का लाभ समलित है।
क्षेत्र फल की दृष्टि से सबसे बड़ी नगर पंचायत बनेगा यमनोत्री
यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो क्षेत्रफल की दृष्टि से यमुनोत्री प्रदेश की सबसे बड़ी नगर पंचायत बनेगी। यह हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जानकी चट्टी, खरसाली, बीफ (नारायणपुरी) सहित यमनोत्री तक इसका क्षेत्रफल होगा। खास बात यह है कि जिस मंत्री के पास शहरी विकास विभाग का जिम्मा है वह उत्तरकाशी के जिला प्रभारी हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मांग को यदि सरकार ने गंभीरता से लिया तो जल्द ही यमुनोत्री निकाय का हिस्सा बन सकती है।