देहरादून: पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरक सिंह रावत के ठिकानों पर बीते रोज विजिलेंस की टीम ने छापेमारी की। इस पूरे मामले को कांग्रेस बदले की भावना से देख रही है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का भी बयान सामने आया है। टीएसआर ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि पाप का घड़ा आखिर फूट ही जाता है। शिशुपाल की गर्दन पर अगर कृष्ण भगवान का चक्र चला था। वह भी सौ पूरा होने पर चला था। उन्होंने कहा कि आगे कहा कि इस पूरे प्रकरण पर सीबीआई जांच होनी चाहिए और सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए।
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र की भी जांच की मांग।
उधर पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को पहले अपने ड्रीम प्रोजेक्ट सूर्यधार की जांच करवा लेनी चाहिए। हरक सिंह रावत यही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जीवन भर एक रुपए की नौकरी नहीं की और ना ही 1 रूपय का कहीं बिजनेस किया। जबकि त्रिवेंद्र की पत्नी प्राइमरी स्कूल की टीचर रही और त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून जैसे स्थान पर इतना बड़ा मकान कैसे बना लिया? हरक सिंह रावत ने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत पहले अपनी जांच कर ले, कहा कि जिस समय का यह पूरा प्रकरण है उसे वक्त उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री थे यदि मैं भ्रष्टाचार कर रहा था तब त्रिवेंद्र सिंह रावत कहां थे। कहा कि पूरा प्रकरण राजनीति से प्रेरित है और इसीलिए मेरे खिलाफ षड्यंत्र के तहत विजिलेंस के द्वारा उत्पीड़न किया जा रहा है।
हरीश रावत ने किया हरक सिंह का बचाव।
2016 के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पहली बार हरक सिंह रावत के बचाव में आए हैं। हरदा ने कहा कि भाजपा प्रतिशोध की भावना से काम करती है और ऐसे मामलों में प्रतिशोध साफ दिखाई दे रहा है, साथ ही सवाल उठाया है कि जिस भ्रष्टाचार की बात की जा रही है वह भाजपा शासन काल का मामला है। उन्होंने कहा कि जब वह भाजपा में थे तब वह दूध के दूल्हे थे, लेकिन जब कांग्रेस में आए हैं तो भ्रष्टाचारी हो गए।
क्या है पूरा मामला
पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पर आरोप है कि उन्होंने कॉर्बेट नेशनल पार्क में इस्तेमाल में ले जाने वाला जनरेटर जिसकी कीमत लगभग 78 लख रुपए थी उसको अपने बेटे के कॉलेज में लगवा दिया। विजिलेंस ने कॉलेज में मिला सरकारी जनरेटर जप्त कर सहसपुर थाने में जमा कर दिया विजिलेंस की कार्यवाही के दौरान हरक सिंह मौके पर ही मौजूद रहे। इस पर खड़क सिंह रावत ने कहा कि विजिलेंस टीम ने जिस जनरेटर के चलते उनके परिसर पर छापेमारी की उसे तत्कालीन डीएफओ ने Covid अस्पताल के लिए दान किया था। हालांकि विजिलेंस की टीम पूरे प्रकरण की जांच कर रही है कि किन परिस्थितियों में उक्त जनरेटर में से एक मेडिकल कॉलेज जबकि दूसरा पेट्रोल पंप तक पहुंचा इसकी जांच के बाद जो कुछ सामने आएगा वह ही इस मामले में आगे की जांच की दिशा तय करेगा।