देहरादून: 9 नवंबर 2024 को उत्तराखंड अपना 25वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है। इन 24 वर्षों में राज्यवासियों को क्या मिला यह प्रश्न आज भी बरकरार है।
इस सवाल पर राज्य आंदोलनकारी व भाजपा विधायक विनोद चमोली का दर्द छलकता हुआ दिखाई दिया। उन्होंने कहा कि पिछले 24 सालों से यह सवाल मेरे ज़हन में गूंज रहा है, जिसमें जनता कह रही है कि हमें क्या मिला। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड में काफी विकास कार्य हुए उसमें कोई दो राय नही और अपने ही लोग नेतृत्व कर रहे हैं उसमें भी कोई शक नहीं। उसके बावजूद भी कमियां क्यों है यह एक बड़ा सवाल है।
उन्होंने कहा कि इन 24 वर्षों में भ्रष्टाचार कम नहीं हुआ और न ही उत्तराखंड की कार्य संस्कृति उतनी बेहतर हुई जितनी होनी चाहिए थी, “आज भी तमाम राजनीतिक लोग अपने घर भर रहे हैं”। जबकि राज्य की लड़ाई इसलिए लड़ी गई थी की पहाड़ की अस्मिता के लिए, पहाड़ की संस्कृति के लिए, पहाड़ के उद्धार के लिए के अनुरूप काम किया जा सके। लेकिन आज भी यह प्रश्न जवाब ढूंढने के लिए मुंह बहाए खड़े हैं।
विनोद चमोली ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि इसका सबसे बड़ा कारण यह है, जो- जो लोग इस राज्य में प्रभावी रहे वह अपने-अपने विस्तार में लग गए, जबकि राज्य की चिंता दूसरे नंबर पर चली गई।
उन्होंने कहा कि इस स्थापना दिवस पर सबको सोचने की आवश्यकता है कि हम राज्य की उस आवाम को जो सुदूरवर्ती क्षेत्रों में तरसी निगाह से बैठी हुई है उन्हें कैसे राहत दे सकें उसके लिए हमें अपने कार्य संस्कृति को ठीक करना होगा।