देहरादून: साइबर ठगों का बढ़ता मकड़जाल नासूर बनता जा रहा है। साइबर ठग नए-नए तरीकों से सीधे-साधे लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। ठग लुभाने व मुनाफे का ऑफर देकर लोगों की गाढ़ी कमाई पर सेंध लगा रहे हैं।
आलम यह है कि इस वर्ष जनवरी महीने से जून तक केवल 6 महीने के भीतर साइबर ठगों ने 92 करोड़ की ठगी कर ली। जबकि 2023 में ठगी की धनराशि 117 करोड रुपए थी। ठगी की यह धनराशि क्रिप्टो करंसी के माध्यम से दुबई, कंबोडिया, पाकिस्तान और वियतनाम भेज रहे हैं। जिससे वापस लाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं। इसी मकड़जाल को धराशाही करने के लिए साइबर कमांडो की फौज तैयार की जा रही है।
प्रदेश में बढ़ते साइबर हमलों से निपटने के लिए साइबर कमांडो की एक टीम बनाई गई है। पहले फेज में 10 साइबर कमांडो का चयन किया गया है। जिन्हें देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन साइबर कमांडो का उद्देश्य साइबर अपराधों पर अंकुश लगाना और साइबर सुरक्षा को मजबूत करना है। जिन 10 साइबर कमांडो का चयन किया गया है वह साइबर क्राइम थाना देहरादून व हल्द्वानी से चयनित किए गए हैं।
इन पुलिस कर्मियों ने फरवरी माह में इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर की ओर से ली गई परीक्षा ऑनलाइन पास की थी। इसके बाद इनका चयन साइबर कमांडो के लिए किया गया। जल्द ही इन चयनित पुलिस कर्मियों को साइबर कमांडो के प्रशिक्षण के लिए रवाना किया जाएगा।
इन संस्थानों में होगा प्रशिक्षण
राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय गांधीनगर गुजरात, राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय गांधीनगर गुजरात, राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय दिल्ली, आइआइटी कानपुर, आइआइटी चेन्नई, आइआइटी कोटाय्यम केरला, आइआइटी नया रायपुर छत्तीसगढ़, डिफेंस इंस्टीट्यूट आफ एडवांस टेक्नालाजी पुणे, नेशनल फारेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी गोवा
इन पुलिसकर्मियों का हुआ है चयन
सब इंस्पेक्टर आशीष गुसांई, सब इंस्पेक्टर राजीव सेमवाल, सब इंस्पेक्टर राहुल कापड़ी, सब इंस्पेक्टर राजेश ध्यानी, महिला सब इंस्पेक्टर वंदना, सहायक सब इंस्पेक्टर विनोद बिष्ट, हेड कांस्टेबल पवन, कांस्टेबल सुभाष खत्री, कांस्टेबल उष्मान, कांस्टेबल अरविंद बिष्ट










