देहरादून: हरिद्वार जनपद के पिरान कलियर में आज (रविवार) से शुरू हो रहे उर्स को लेकर लोगों में उतनी चर्चाएं नहीं हैं जितनी गत वर्ष के उर्स की है। दरअसल पिरान कलियर के पिछले उर्स मेले में पाकिस्तानी जायरीनों को वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स ने श्रीमद् भागवत गीता और गंगाजल भेंट किया था। जिस पर एक साल बाद गमासन देखने को मिल रहा है।
जमाते ए रसूल चिश्ती ट्रस्ट के अध्यक्ष सूफी रशीद ने कहा कि पाकिस्तान से आए जायरीनों को गीता, गंगाजल देना मुस्लिम धर्म के विपरित है। इस पर शादाब शम्स भला कैसे चुप रह सकते थे। शादाब ने भी कड़ी प्रति क्रिया व्यक्त की।
उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में पिरान कलियर दरगाह शरीफ में हर वर्ष उर्स का आयोजन होता है। आज 15 सितंबर से 756वां उर्स की शुरवात होने जा रही हैं। लेकिन इस मौके पर पिछले साल हुआ उर्स मेला चर्चाओं में हैं। दरअसल पिछले साल उर्स मेले में पाकिस्तान से आए जायरीन जत्थे को भाजपा नेता और उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स द्वारा पाकिस्तान से उर्स मेले में आए जायरीन जत्थे के मध्यम से शांति के संदेश के रूप में पाकिस्तान में रह रहें हिंदू समुदाय और मंदिरों के लिए श्रीमद् भागवत, गंगाजल और रुद्राक्ष माला भेंट की गई थी, लेकिन अब जमाते ए रसूल चिश्ती ट्रस्ट के अध्यक्ष सूफी रशीद के एक बयान के बाद बबाल मचा हुआ हैं।
जमाते ए रसूल चिश्ती ट्रस्ट के अध्यक्ष सूफी रशीद ने रुड़की में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि भाजपा नेता शादाब शम्स द्वारा पाकिस्तान से आए मुस्लिम समुदाय के लोगों को श्रीमद् भागवत, गंगाजल और रुद्राक्ष की माला देना मुस्लिम सभ्यता के विपरीत है। उन्होंने कहा है कि हमें उन्हें कुरान, खजूर, इत्यादि गिफ्ट करने चाहिए।
सूफी रसीद के बयान पर भाजपा मुस्लिम नेता और उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने कहा कि पिछले साल उर्स मेले के दौरान पाकिस्तान से आए जायरीन जत्थे को उनके द्वारा एक शांति संदेश के रूप में पाकिस्तान में रह रहे हमारे हिंदू भाइयों के लिए श्रीमद् भागवत, गंगाजल इत्यादि दिया गया था और उनसे अनुरोध किया गया था कि वह इस स्वागत को पाकिस्तान में रह रहे हिंदू भाइयों तक पहुंचायें और इस बार वह पाकिस्तान से आ रहे लोगों से जरूर इस बारे में जानकारी लेंगे की क्या उन्होंने उनकी यह सौगात पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं को पहुंचाई या नहीं और यदि ऐसा नहीं हुआ है तो इस बात से बिल्कुल भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि पाकिस्तान से आने वाले लोग और पूरा पाकिस्तान सम्मान के लायक नहीं है। साथ ही उन्होंने सूफी रसीद द्वारा दिए गए बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह पाकिस्तान की भाषा है जो कि दूसरे के धर्म का सम्मान करना नहीं जानते हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से लगातार उनके द्वारा पाकिस्तान से वह वीडियो मांगे गए हैं जिसमें उनके द्वारा दिया गया प्रसाद हिंदू भाइयों को दिया जाना था लेकिन वह नहीं मिल पाया है और सूफी रसीद द्वारा दिया जा रहा बयान भी उसी का एक हिस्सा लग रहा है और यह भाषा पाकिस्तान द्वारा सूफी रसीद की जुबान से बोली जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान के लोग अतिथि देवो भव और सम्मान की भाषा नहीं जानते हैं तो वह बिल्कुल भी पाकिस्तान से आने वाले लोगों का सम्मान नहीं करेंगे।