देहरादून: राज्य आंदोलनकारियों के लिए अच्छी खबर है। 10% क्षैतिज आरक्षण को लेकर गठित की गई प्रवर समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपने वाली है। इसी बाबत आज प्रवर समिति की तीसरी बैठक हुई, जिसमें समिति के सदस्य व अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल मौजूद रहे।
प्रवर समिति के अध्यक्ष डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया है कि किसी का अहित न हो इस बात को ध्यान में रखते हुए समिति सकारात्मक रूप में आगे बढ़ी है। और जल्द ही ड्राफ्ट को मुहूर्त रूप दिया जाएगा जिसके लिए आगामी 3 नवंबर को बैठक आहूत की गई है।

उधर समिति के सदस्य और उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने बताया कि 2004 से सीधी भर्ती से लगे हो या आरक्षण का लाभ लेकर उनको सुरक्षित करने का काम इन बैठकों में किया गया है। बताया कि हाई कोर्ट के स्टे के दौरान जिन लोगों ने एग्जाम क्लियर कर लिया था उनकी नियुक्ति हुई थी लेकिन उनकी जॉइनिंग नहीं हो पाई, वह लोग भी ज्वाइन कर पाएंगे। बताया कि आश्रितों की श्रेणी का दायरा भी इस बैठक में बढ़ाया गया है। पहले पति/ पत्नी, पुत्र या अविवाहित पुत्री, आश्रित पुत्री, का प्रावधान था लेकिन अब इसका दायरा बढ़ाते हुए तलाकशुदा व परित्यागिता पुत्री को भी जोड़ा गया है।
3 नवंबर को 3:00 बजे होगी अगली बैठक
प्रवर समिति ने सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने के लिए 3 नवंबर को दोपहर 3:00 बजे बैठक बुलाई है। बैठक में समिति के सभी सदस्यों को आमंत्रित किया गया है, इसी दिन ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा और विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा जाएगा।
विशेष सत्र बुलाकर ड्राफ्ट किया जाएगा पास
राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण को लेकर गठित प्रवर समिति 3 नवंबर को आरक्षण का ड्राफ्ट विधानसभा को सौंपेगी। जिसके बाद सरकार विशेष सत्र बुलाकर आरक्षण विधेयक को पास करेगी। इस बात को लेकर सरकार ने मानसून सत्र के अंतिम दिन साफ कर दिया था कि राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण मामले में विशेष सत्र बुलाकर विधेयक पास कराया जायेगा। जिसके बाद आंदोलनकारी आरक्षण का लाभ ले सकेंगे।