उत्तरकाशी: उत्तरकाशी में पंचायत परिसीमन को लेकर जनप्रतिनिधियों में भारी असंतोष देखने को मिल रहा है। जिला पंचायत संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्ट ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि जिलाधिकारी ने पहले अनंतिम प्रकाशन में 22 वार्डों का चयन किया था, जबकि अंतिम प्रकाशन में यह संख्या बढ़कर 28 हो गई है।
भट्ट ने आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया में पंचायत राज एक्ट का सही पालन नहीं किया गया है और शासनादेश का खुला उल्लंघन किया गया है। उन्होंने कहा कि वार्डों का चयन मनमानी तरीके से किया गया है, जिसमें न तो जनप्रतिनिधियों की राय ली गई और न ही स्थानीय लोगों से सलाह-मशविरा किया गया।
प्रदीप भट्ट ने यह भी बताया कि यह वार्ड तब बनाए गए हैं जब 2018 के बाद कोई नया क्षेत्र निकाय में शामिल नहीं हुआ है। केवल टिहरी जनपद के सौंदी गांव को उत्तरकाशी में शामिल किया गया है, जिसकी आबादी लगभग 1,000 है। यह गांव पहले टिहरी में एक अलग क्षेत्र पंचायत का वार्ड था, लेकिन इसे उत्तरकाशी में शामिल कर अन्य गांवों में जोड़ दिया गया। जबकि इसको एक अलग क्षेत्र पंचायत वार्ड बनाया जाना था
भट्ट ने मांग की है कि इस परिसीमन को फिर से संशोधित किया जाए ताकि स्थानीय जनप्रतिनिधियों और निवासियों की आवाज सुनी जा सके।
इस विवाद ने स्थानीय प्रशासन के समक्ष चुनौती खड़ी कर दी है, और देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन इस मुद्दे पर क्या कदम उठाता है।










