भूमिका
दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्नाव दुष्कर्म मामले में दोषी ठहराए गए कुलदीप सिंह सेंगर को 4 और 5 फरवरी के लिए अंतरिम जमानत दी है। यह जमानत उनकी चिकित्सा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए दी गई है।
अंतरिम जमानत के पीछे का कारण
पूर्व विधायक सेंगर की 4 फरवरी को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सर्जरी होनी है। इसी आधार पर उन्होंने अदालत से अस्थायी राहत की मांग की थी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। हालांकि, अदालत ने यह निर्देश भी दिया है कि 5 फरवरी को उन्हें दोबारा जेल में सरेंडर करना होगा।
उन्नाव दुष्कर्म मामला: एक नजर में
2017 में उन्नाव जिले की एक नाबालिग लड़की ने कुलदीप सिंह सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इस मामले में लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद उन्हें दोषी करार दिया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। 2019 में पीड़िता के परिवार की एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने और परिवार के कुछ सदस्यों की मृत्यु के बाद मामला और भी पेचीदा हो गया। पीड़िता ने इस हादसे को साजिश करार दिया और सेंगर पर आरोप लगाए।
अदालत का फैसला और शर्तें
अदालत ने कुलदीप सिंह सेंगर को कुछ शर्तों के साथ जमानत दी है। जमानत केवल चिकित्सा आधार पर दी गई है। 5 फरवरी को उन्हें जेल में पुनः सरेंडर करना अनिवार्य होगा। सुरक्षा व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा जाएगा ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
पीड़िता का पक्ष
इस मामले में पीड़िता और उसके परिवार ने अदालत के फैसले पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि सेंगर को दी गई यह छूट उनके लिए खतरा बन सकती है। उन्होंने अदालत से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
कुलदीप सिंह सेंगर भाजपा के पूर्व विधायक रह चुके हैं, लेकिन इस मामले के चलते उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। हालांकि, राजनीतिक हलकों में इस फैसले को लेकर मतभेद देखने को मिल रहे हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट का यह फैसला कानूनी प्रक्रिया का एक हिस्सा है, लेकिन यह मामला जनता के बीच संवेदनशील बना हुआ है। अब सभी की नजर इस पर रहेगी कि 5 फरवरी को कुलदीप सिंह सेंगर जेल में वापस जाते हैं या नहीं