बढ़ती कीमतें और बाजार पर प्रभाव
सोने की कीमतें इस समय अपने उच्चतम स्तर पर हैं। वर्तमान में प्रति दस ग्राम सोना 87,000 रुपये तक पहुंच गया है। इस भारी उछाल के कारण बाजार में मंदी देखी जा रही है।
सर्राफा बाजार में सुस्ती
सोने के दामों में तेजी के कारण खरीददार बाजार से गायब हो गए हैं। ज्वैलर्स का कहना है कि ग्राहकों की कम संख्या के कारण उनका व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। कई दुकानदारों ने बताया कि एक लाख रुपये में अब कोई ढंग का आभूषण तैयार नहीं हो पा रहा है।
सोने की कीमतें क्यों बढ़ीं?
- वैश्विक घटनाओं का प्रभाव – रूस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिका की टैरिफ नीतियों के कारण वैश्विक बाजार में अस्थिरता बढ़ गई है।
- डॉलर और रुपये का संबंध – डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होने से सोने की कीमतें बढ़ रही हैं।
- भारत में बढ़ती मांग – शादियों और त्योहारों के कारण सोने की मांग बढ़ने से इसके दामों में उछाल आया है।
क्या अब सोना खरीदना सही रहेगा?
विशेषज्ञों के अनुसार, अगले कुछ हफ्तों में सोने की कीमतें 7,000 से 8,000 रुपये तक गिर सकती हैं। ऐसे में जिन लोगों को निवेश करना है, वे कीमतों के स्थिर होने का इंतजार कर सकते हैं।
सर्राफा कारोबारियों की प्रतिक्रिया
सर्राफा व्यापारियों का कहना है कि कीमतें स्थिर होने के बाद ही बाजार में रौनक लौट सकती है। अगर सोने के दाम गिरते हैं, तो लोगों की खरीदारी में रुचि बढ़ेगी और व्यापार में तेजी आएगी।
अभी के हालात को देखते हुए जल्दबाजी में सोना खरीदना समझदारी नहीं होगी। ग्राहकों को कीमतों में गिरावट का इंतजार करना चाहिए, जिससे उन्हें बेहतर सौदे मिल सकें।