नैनीताल: नैनीताल हाई कोर्ट ने उत्तरकाशी के बड़कोट क्षेत्र में पेयजल समस्या से निजात दिलाने के लिए एक जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने उत्तराखंड के पेयजल सचिव और पेयजल निगम के निदेशक को तीन सप्ताह के भीतर इस मामले में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि उत्तराखंड पेयजल निगम का निदेशक अगली सुनवाई पर उपस्थित नहीं होता है, तो उन्हें कोर्ट में स्वयं उपस्थित होना पड़ेगा। इससे पहले, कोर्ट ने राज्य सरकार और पेयजल निगम को इस मामले में विस्तृत शपथ पत्र पेश करने का आदेश दिया था, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।

सुनवाई के दौरान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने टिप्पणी की कि यह समस्या केवल बड़कोट तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे राज्य में फैली हुई है। इस प्रकार की सक्रिय सुनवाई और निर्देशों से क्षेत्र के लोगों में उम्मीद जागी है कि जल संकट का समाधान जल्द ही संभव होगा।
गर्मी में पानी की समस्या से झूझे स्थानीय लोग
उत्तरकाशी जिले का बड़कोट सैकड़ों गांव का मुख्य बाजार है। जिसमें आबादी क्षेत्र तो हर रोज बढ़ रहा है लेकिन पानी की समस्या पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। यही कारण रहा की गर्मियों के मौसम में स्थानीय लोगों को पानी की किल्लत से दो-चार होना पड़ा। स्थानीय लोग बताते हैं कि पानी की किल्लत इतनी बड़ी की गर्मियों के मौसम में कई लोगों में बड़कोट से गांव का रुख किया।
राजनीति भी रही मामले पर हावी
पेयजल समस्या को दूर करने के लिए कई लोग धरने पर बैठे समस्या का समाधान तब भी नहीं हुआ, कई स्थानीय जनप्रतिनिधि इस पर सियासत भी करते नजर आए। पेयजल समस्या को लेकर किसी ने संगठनात्मक रूप से मुख्यमंत्री धामी को ज्ञापन दिया, कोई अकेले में मुख्यमंत्री के साथ फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर साझा करने लगा। समस्या ज्यों की त्यों बनी रही। अब मामले में हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है। हालांकि विभाग की ओर से हाईकोर्ट में क्या दलील दी जाएगी यह भविष्य के गर्भ में है।










