विधेयक पर कांग्रेस का कड़ा रुख
वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 को लोकसभा में पारित किए जाने के बाद इस पर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने इस विधेयक को जबरन पारित कराने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह संविधान पर हमला है। कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में उन्होंने इसे देश को स्थायी रूप से विभाजित करने की रणनीति का हिस्सा बताया।
लोकसभा में 12 घंटे की बहस के बाद पारित विधेयक
इस विधेयक को लोकसभा में 12 घंटे लंबी बहस के बाद आधी रात को पारित किया गया। विपक्ष ने इस पर अपनी कड़ी आपत्ति जताई और संशोधनों की मांग की, लेकिन सत्तारूढ़ दल ने सभी संशोधनों को ध्वनि मत से खारिज कर दिया। मत विभाजन के दौरान 288 वोट पक्ष में और 232 वोट विपक्ष में पड़े।
सोनिया गांधी का बयान: ‘संविधान को कमजोर करने की कोशिश’
सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि यह विधेयक सरकार द्वारा जबरन थोपा गया है और इसे जल्दबाजी में पारित कराया गया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक केवल एक समुदाय विशेष पर असर नहीं डालेगा, बल्कि यह पूरे लोकतांत्रिक प्रणाली पर प्रभाव डालेगा। उन्होंने विपक्षी सांसदों से आह्वान किया कि वे भाजपा सरकार की इस नीति का खुलकर विरोध करें।
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का भी कांग्रेस करेगी विरोध
सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस प्रस्तावित ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक का भी विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र और संघीय ढांचे पर सीधा प्रहार है और संविधान की आत्मा को कमजोर करता है।
विपक्षी दलों की रणनीति
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी मौजूद थे। सभी नेताओं ने इस विधेयक के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करने का संकल्प लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का असली मकसद संवैधानिक मूल्यों को कमजोर करना है।
विधेयक पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
इस विधेयक के खिलाफ विपक्षी दलों के साथ-साथ कई सामाजिक संगठनों ने भी आवाज उठाई है। विभिन्न राज्यों में इस विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं।