देहरादून: पुरोला विधानसभा से विधायक दुर्गेश्वर लाल और नरेंद्र नगर से विधायक व मौजूदा वन मंत्री सुबोध उनियाल के बीच चल रही बयान बाजी भले ही खत्म हो गई हो, लेकिन इसके लिए दोनों ही नेताओं को माफी मांगनी पड़ी है। इस बात की जानकारी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने दी है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि विधायक अपनी मांग को लेकर मंत्री जी के पास गए थे। और उन्होंने अपनी मांग ठीक प्रकार से रखी लेकिन प्रस्थिति बस ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई। जिसके लिए वन मंत्री सुबोध उनियाल और पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल दोनों नेताओं ने खेद व्यक्त किया है। महेंद्र भट्ट ने यह भी कहा कि दोनों ही नेताओं को संयम बरतने की हिदायत भी दी गई है।
क्यों बैठे थे विधायक दुर्गेश्वर धरने पर
मंगलवार को करीब 3:00 बजे पुरोला विधानसभा से विधायक दुर्गेश्वर लाल मंत्री सुबोध उनियाल के आवास के मुख्य गेट के पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने आरोप लगाया था कि मंत्री द्वारा पुरोला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत गोविंद वन्य जीव विहार में एक ऐसे डीएफओ को तैनात किया गया है जो क्षेत्रीय जनता का अहित कर रही है और इसके लिए बीडीसी में कई बार हटाने की मांग भी हो चुकी है। जब इस बाबत विधायक ने मंत्री से मुलाकात की और डीएफओ को संबद्ध करने की मांग की तब मंत्री ने PCCF से कहा कि डीएफओ की जांच की जाए। इसी बात को लेकर विधायक नाराज हो गए। विधायक ने कहा कि यह कोई भ्रष्टाचार का मामला नहीं है बल्कि डीएफओ विकास कार्यों में रोड़ा अटका रहा है। तभी विधायक दुर्गेश्वर लाल ने वह आदेश मंत्री के सामने फाड़ दिया। साथ ही यह आरोप भी लगाया कि मंत्री द्वारा उन्हें कई बार जाति सूचक शब्द भी कहे गए हैं। जिसको लेकर विधायक स्थानीय भाजपा नेताओं के साथ मंत्री के आवास के मुख्य गेट पर धरने पर बैठ गए।
मुख्यमंत्री धामी ने दोनों नेताओं को बुलाकर कराया मामला शांत
जैसे ही विधायक धरने पर बैठे यह खबर आग की तरफ फैल गई। इसके बाद विधायक को समर्थन देने एकाएक नेता व पुरोला विधानसभा के लोग पहुंचने लगे। खास बात यह रही की भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व खेल मंत्री नारायण सिंह राणा भी धरने पर विधायक के साथ बैठ गए। मामला सीएम दरबार पहुंचा। इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दोनों ही नेताओं को बुलाया और दोनों की सामने पर बात कराई। इसके बाद मामला शांत हुआ।
मामला शांत होने के बाद विधायक दुर्गेश्वर लाल बयान
मुख्यमंत्री धामी, वन मंत्री सुबोध उनियाल और विधायक दुर्गेश्वर लाल के बीच हुई बैठक में यह तय किया गया है की आधिकारिक के खिलाफ जांच की जाएगी। जांच रिपोर्ट एक हफ्ते में आ जाएगी और दोषी पाए जाने पर डीएफओ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी यह जानकारी विधायक दुर्गेश्वर लाल ने दी है।