देहरादून: प्रदेश में कानून व्यवस्था किस तरह चरमराई हुई है। इसका अंदाजा पिछले कुछ दिनों से आए दिन लगातार हो रहे महिला अपराध, मारपीट के मामलों व दिन दहाड़े हो रही डकैती से लगाया जा सकता है। देहरादून आईएसबीटी में पांच लोगों द्वारा एक नाबालिक के साथ बारी-बारी से किया गया रेप। अल्मोड़ा जिले के सल्ट में भाजपा नेता द्वारा एक नाबालिक के साथ रेप की कोशिश। कालाढूंगी में दुग्ध संघ अध्यक्ष पर दो महिलाओं द्वारा लगाए गए योन शोषण के आरोप। चमोली जिले के नंदानगर में नाबालिग के साथ अश्लील हरकत। सितारगंज में 4 साल की नाबालिक लड़की के साथ दुष्कर्म। ऋषिकेश में शराब माफियाओं द्वारा पत्रकार को लहूलुहान करना। साथ ही हरिद्वार के ज्वेलरी शोरूम में दिनदहाड़े तमंचे की नोक पर डकैती होना जैसी घटनाएं प्रदेश की नानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है।
इन तमाम मामलों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लॉ एंड ऑर्डर को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून का खौफ नहीं है। अपराधियों के हौसले बुलंद है। कहा कि हमे पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से सीखने की जरूरत है। जिस तरह से उत्तर प्रदेश में अपराधियों को कुचला जा रहा है इस तरह उत्तराखंड में भी कानून व्यवस्था होनी चाहिए। इसके बाद राजनीतिक गलियारों में सियासी भूचाल सा आ गया। लोग चौक-चौराहे, गली-नुक्कड़ पर इस बात की चर्चा करने लगे की पूर्व सीएम अपनी ही पार्टी की सरकार पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। राजनीतिक पंडित इसके कई मायने निकलने लगे। जबकि कानून व्यवस्था को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आज भी इसी सवाल को दोहरा रहे हैं।
इन तमाम चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री धामी ने आज पुलिस मुख्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस मौके पर उन्होंने पुलिस मुख्यालय से संचालित महिला सुरक्षा हेल्पलाईन और पुलिस द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने इस दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में कानून व्यवस्था को मजबूत बनाया जाए। कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने और शांति भंग करने वाले अराजक तत्वों पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि महिला अपराधों से जुड़ी घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि जरूरतमंद लोगों को पुलिस की सहायता तत्काल मिले।

मुख्यमंत्री ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिये कि डेमोग्रेफी चेंज, धर्मान्तरण, लव जिहाद के प्रकरणों पर त्वरित गति से कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य की शांति व्यवस्था बिगाड़ने वालों को बख्शा नहीं जायेगा। अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस द्वारा सघन अभियान चलाया जाए तथा आपराधिक पृष्ठभूमि से जुड़े लोगों पर नियमित निगरानी रखी जाए। मुख्यमंत्री ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिये कि उन्होंने जिन थानों से नौकरी की शुरूआत की है, उन थानों का स्थलीय निरीक्षण करें, आवश्यकतानुसार संबंधित थानों को सुदृढ़ बनाने की दिशा में भी वे सहयोगी बनें। साथ कहा कि राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त बढ़ाई जाए व प्रदेश में आने-जाने वालों पर निगरानी रखी जाए।
पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा कानून व्यवस्था पर उठाए गए सवाल के बाद जिस तरह से मुख्यमंत्री धामी ने पुलिस मुख्यालय का औचक निरीक्षण किया। पुलिस अधिकारियों को दी गई सख्त हिदायत के बाद अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी रहेंगी की क्या राज्य की कानून व्यवस्था सुधरेगी? या फिर सीएम की यह चेतावनी केवल मीडिया की सुर्खियां बनकर ही रहेंगी।










