देहरादून: उत्तराखंड के अपर पुलिस महानिदेशक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) वी. मुरुगेशन ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गढ़वाल और कुमाऊं रेंज के अंतर्गत आने वाले समस्त जनपदों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों एवं पुलिस अधीक्षकों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। इस समीक्षा बैठक में बारावफात (ईद-ए-मिलाद/मिलाद-उल-नबी) पर्व के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियों के साथ-साथ लंबित विवेचनाओं की जनपदवार स्थिति पर विस्तृत चर्चा की गई।
सुरक्षा व्यवस्था के दिए गए ये निर्देश
बारावफात पर्व के दृष्टिगत मुरुगेशन ने सभी जनपद प्रभारियों को निर्देशित किया कि, थाना स्तर पर CLG व पीस कमेटी की बैठकें आज ही आयोजित की जाएं। पर्व के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए विशेष सतर्कता बरती जाए। यातायात प्रबंधन के लिए विशेष ट्रैफिक प्लान तैयार किया जाए ताकि जुलूस व भीड़ के कारण आमजन को असुविधा न हो। आतिशबाजी व भीड़ नियंत्रण केलिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं समय से सुनिश्चित की जाएं। जुलूसों को पारंपरिक मार्गों से ही निकाले जाने को लेकर आयोजकों को निर्देश दिए जाएं।
लंबित विवेचनाओं पर भी जताई सख़्ती
बैठक के दौरान अपर पुलिस महानिदेशक ने कहा कि लंबित विवेचनाएं पीड़ित को न्याय मिलने में बाधक बनती हैं, सभी विवेचनाओं का समयबद्ध निस्तारण अनिवार्य है। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि, प्रत्येक जनपद प्रभारी व्यक्तिगत रूप से लंबित विवेचनाओं की निगरानी करें। 2 वर्ष से अधिक समय से लंबित मूल विवेचनाओं, पार्ट पेंडिंग और पुनर्विवेचनाओं की समीक्षा कर त्वरित निस्तारण कराया जाए। गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत लंबित मामलों में डीएम से समन्वय कर शेष कार्यवाही शीघ्र पूर्ण की जाए। विवेचना में लापरवाही या शिथिलता बरतने वाले विवेचकों की जिम्मेदारी तय कर नियमानुसार कार्रवाई की जाए। दोनों परिक्षेत्र प्रभारियों को अपने क्षेत्राधिकार में नियमित समीक्षा और पर्यवेक्षण के निर्देश भी दिए गए हैं।
मुरुगेशन ने यह स्पष्ट किया कि कानून व्यवस्था बनाए रखना और न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाना पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। आगामी पर्व को देखते हुए सामाजिक सौहार्द, सुचारू यातायात और शांतिपूर्ण वातावरण सुनिश्चित करने के लिए पुलिस को हर स्तर पर मुस्तैद रहने के निर्देश दिए गए हैं।