सेलाकुई में सड़क हादसा, छात्रों के घरों में पसरा मातम
देहरादून-पांवटा राष्ट्रीय राजमार्ग पर बुधवार दोपहर उस समय कोहराम मच गया, जब एक तेज रफ्तार कार ने स्कूल से छुट्टी के बाद बाहर निकल रहे नौ छात्र-छात्राओं को जोरदार टक्कर मार दी। यह हादसा देहरादून के सेलाकुई क्षेत्र में स्थित राजकीय आदर्श इंटर कॉलेज के सामने हुआ। इस दुर्घटना में तीन छात्रों की हालत अत्यंत गंभीर बताई जा रही है, जबकि अन्य घायलों का इलाज चल रहा है।
छुट्टी के बाद बाहर निकल रहे थे छात्र
यह घटना दोपहर करीब 1 बजे की है, जब राजकीय आदर्श इंटर कॉलेज की छुट्टी हुई थी। छात्र-छात्राएं गेट से बाहर निकल ही रहे थे कि तभी देहरादून से पांवटा की ओर तेज रफ्तार में जा रही एक कार अचानक अनियंत्रित हो गई। स्कूल गेट के ठीक सामने कार छात्रों के बीच घुस गई और एक के बाद एक नौ बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया।
तीन वाहन भी क्षतिग्रस्त
घटना के बाद भी कार की रफ्तार इतनी तेज थी कि उसने आगे खड़े तीन अन्य वाहनों को भी टक्कर मार दी। इन वाहनों में से दो बाइक और एक स्कूटी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। आसपास मौजूद लोगों ने तुरंत शोर मचाया और बच्चों की मदद के लिए दौड़े।
स्थानीय लोगों की तत्परता से बची कई जानें
घटना के कुछ ही पलों बाद स्थानीय लोग बड़ी संख्या में मौके पर पहुंचे और घायल बच्चों को सड़क से हटाकर सुरक्षित स्थानों पर ले गए। उन्होंने ही पुलिस को सूचना दी और एंबुलेंस बुलवाई। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि वे तुरंत मदद के लिए आगे नहीं आते, तो हादसा और भी भयानक रूप ले सकता था।
पुलिस ने पहुंचकर किया राहत कार्य
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। पुलिसकर्मियों ने सबसे पहले घायलों को अस्पताल भिजवाने की व्यवस्था की। आठ घायल छात्रों को धूलकोट अस्पताल और एक छात्र को गंभीर हालत में झाझरा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चिकित्सकों का कहना है कि तीन छात्रों की हालत नाजुक बनी हुई है और उन्हें विशेष निगरानी में रखा गया है।
कार चालक गिरफ्तार, पूछताछ जारी
पुलिस ने मौके से ही दुर्घटनाग्रस्त कार के चालक को हिरासत में ले लिया है। चालक की पहचान फिलहाल सार्वजनिक नहीं की गई है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि कार की गति काफी तेज थी और चालक नियंत्रण खो बैठा। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या चालक नशे की हालत में था या किसी अन्य कारण से नियंत्रण खोया।
विद्यालय परिसर में पसरा सन्नाटा
घटना के बाद विद्यालय परिसर में मातम छा गया। कई अभिभावक घबराए हुए स्कूल पहुंचे और अपने बच्चों का हाल जानने की कोशिश करते रहे। स्कूल प्रशासन ने तुरंत सभी अभिभावकों को सूचित किया और बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
हादसे की खबर जैसे ही छात्रों के घरों तक पहुंची, वैसे ही कई परिवारों में कोहराम मच गया। तीन गंभीर रूप से घायल छात्रों के परिजन अस्पताल में अपने बच्चों के जीवन के लिए दुआ मांगते नजर आए। कई अभिभावकों ने स्कूल गेट के पास बैरिकेडिंग न होने और सड़क पर रफ्तार नियंत्रण के उपाय न होने को लेकर प्रशासन पर सवाल उठाए।
स्थानीय लोगों की मांग – बने स्पीड ब्रेकर और लगें सीसीटीवी
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह क्षेत्र पहले भी कई बार हादसों का गवाह बन चुका है। स्कूल के बाहर कोई स्पीड ब्रेकर नहीं है, जिससे वाहन बड़ी रफ्तार में यहां से गुजरते हैं। लोग चाहते हैं कि स्कूल के पास जल्द से जल्द स्पीड ब्रेकर बनाया जाए और सड़क किनारे सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
घटना के बाद जिलाधिकारी ने पुलिस को मामले की पूरी जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। वहीं क्षेत्रीय परिवहन विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि हाईवे पर स्पीड नियंत्रण के उपायों की समीक्षा की जाए। शिक्षा विभाग की ओर से भी स्कूलों के बाहर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
रफ्तार बनी कहर, ज़िम्मेदारी तय करना ज़रूरी
एक बार फिर यह साबित हुआ कि रफ्तार का कहर निर्दोषों पर भारी पड़ता है। स्कूल के मासूम बच्चे, जिनकी आंखों में सपने और भविष्य की उम्मीदें थीं, अचानक सड़क पर बिखर गए। अब ज़रूरत है कि प्रशासन, परिवहन विभाग और समाज सभी मिलकर यह सुनिश्चित करें कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।