मुनस्यारी में पली-बढ़ी प्रेम कहानी
पिथौरागढ़ जनपद के मुनस्यारी इलाके में एक अनोखी प्रेम कहानी का सुखद अंत हुआ है। फ्रांस की युवती अनियास लुईस और शंखधूरा गांव के युवक गंगा सिंह राणा ने करीब छह साल के प्रेम संबंध के बाद विवाह कर लिया। दोनों की मुलाकात 2019 में मुनस्यारी में हुई थी, जब अनियास एक पर्यटक के तौर पर भारत आई थीं।
गंगा सिंह राणा उस समय एक स्थानीय होमस्टे में कार्यरत थे, जहां अनियास ठहरी थीं। कुछ मुलाकातों के बाद दोनों के बीच गहरी दोस्ती हो गई, जो धीरे-धीरे प्रेम में बदल गई।
कोरोना काल ने बढ़ाई नजदीकियां
2019 में भारत घूमने के बाद अनियास फ्रांस लौट गईं। लेकिन, 2020 में वह एक बार फिर मुनस्यारी आईं। दुर्भाग्यवश, तभी कोरोना महामारी फैल गई और पूरे देश में लॉकडाउन लग गया। लॉकडाउन के चलते अनियास भारत में फंस गईं। इस कठिन समय में गंगा ने अनियास की काफी मदद की, जिससे उनके बीच विश्वास और प्यार और भी गहरा हो गया।
गंगा ने अनियास को सुरक्षित रूप से फ्रांस लौटने में भी सहायता की, जिससे दोनों का रिश्ता और मजबूत हुआ।
छह साल के प्रेम संबंध के बाद विवाह
करीब छह वर्षों तक लंबी दूरी के रिश्ते को संभालने के बाद, दोनों ने विवाह का फैसला लिया। अनियास और गंगा ने अपने रिश्ते को सात फेरों के साथ जीवनभर के बंधन में बदल दिया। दोनों का विवाह पिथौरागढ़ के शेरदांग बारात घर में संपन्न हुआ, जहां कुमाऊंनी रीति-रिवाजों के साथ पूरे धूमधाम से रस्में निभाई गईं।
गांव से गंगा सिंह बैंड-बाजे और बारातियों के साथ बारात लेकर दुल्हन अनियास को लेने पहुंचे।
विदेशी बहू ने पहनी कुमाऊंनी पिछोड़ा
शादी के दिन अनियास ने उत्तराखंड की पारंपरिक पोशाक पिछोड़ा और रंगीला पहनकर सबका दिल जीत लिया। विदेशी बहू को इस रूप में देखने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण और रिश्तेदार विवाह स्थल पर पहुंचे।
अनियास ने न सिर्फ भारतीय वेशभूषा अपनाई बल्कि पूरे रीति-रिवाजों को पूरी श्रद्धा से निभाया, जिससे सभी लोग बेहद प्रभावित हुए।
फ्रांस से पहुंचे परिजन
अनियास के विवाह में विशेष तौर पर फ्रांस से उनके परिजन भी पहुंचे। उनके पिता लोंह, माता कोरिने और तीन अन्य पारिवारिक सदस्य मुनस्यारी आए। सभी मेहमानों ने भी पहाड़ी संस्कृति के रंग में खुद को पूरी तरह से ढाल लिया।
शादी में विदेशी मेहमानों ने भी कुमाऊंनी भोजन का आनंद लिया और पहाड़ी गीतों पर थिरकते नजर आए। विवाह समारोह सांस्कृतिक संगम का एक सुंदर उदाहरण बन गया।
गांव में खुशी का माहौल
गांववालों के लिए यह शादी किसी बड़े उत्सव से कम नहीं थी। पूरे गांव ने गंगा और अनियास के इस मिलन को खुले दिल से स्वीकार किया। बारात का भव्य स्वागत हुआ और सभी ने नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया।
ग्रामीणों ने बताया कि यह शादी पूरे इलाके के लिए एक नई मिसाल है, जहां प्यार ने भाषा, संस्कृति और सीमाओं को भी पीछे छोड़ दिया।
नई जिंदगी की शुरुआत
शादी के बाद अनियास ने कहा कि उन्हें मुनस्यारी बेहद पसंद है और वह यहां की शांति और संस्कृति से जुड़ाव महसूस करती हैं। उन्होंने खुशी जताई कि अब वह आधिकारिक रूप से इस खूबसूरत गांव का हिस्सा बन गई हैं।
वहीं, गंगा सिंह राणा ने भी कहा कि वह बेहद खुश हैं कि उनका प्यार आखिरकार एक पवित्र बंधन में बदल गया। उन्होंने गांव और परिवार के सभी लोगों का आभार जताया, जिन्होंने इस रिश्ते को स्वीकारा और प्यार दिया।
प्रेम की कोई सीमा नहीं
अनियास और गंगा की यह प्रेम कहानी एक सुंदर संदेश देती है कि सच्चा प्रेम किसी भी देश, धर्म, या संस्कृति की सीमाओं को नहीं मानता। छह सालों की परीक्षा और धैर्य के बाद, उनका मिलन यह साबित करता है कि जहां सच्चा प्यार होता है, वहां रास्ते खुद-ब-खुद बनते हैं।
यह विवाह न केवल व्यक्तिगत खुशी का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक सद्भाव और सांस्कृतिक एकता की भी एक अद्भुत मिसाल बन गया है।