लेखक: [आपका नाम] | दिनांक: 22 अप्रैल 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 अप्रैल को दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर सऊदी अरब पहुंचे हैं। यह यात्रा सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान के निमंत्रण पर हो रही है। यह प्रधानमंत्री मोदी का तीसरे कार्यकाल में सऊदी अरब का पहला दौरा है। इससे पहले वे 2016 और 2019 में इस देश की यात्रा कर चुके हैं।
ऐतिहासिक और सामरिक महत्व
भारत और सऊदी अरब के बीच 1947 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे। वर्ष 2010 में इन संबंधों को “रणनीतिक साझेदारी” के स्तर पर ले जाया गया, जिसके बाद दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय वार्ताओं और समझौतों का सिलसिला तेज़ हुआ। पीएम मोदी की यह यात्रा भारत-सऊदी संबंधों को और मज़बूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
सामरिक भागीदारी परिषद की दूसरी बैठक
प्रधानमंत्री मोदी इस यात्रा के दौरान सामरिक भागीदारी परिषद (Strategic Partnership Council) की दूसरी बैठक में भाग लेंगे। इस परिषद की पहली बैठक सितंबर 2023 में नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी, जब क्राउन प्रिंस सलमान भारत आए थे।
इस बैठक में रक्षा, सुरक्षा, ऊर्जा, निवेश, प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ाने पर चर्चा होगी। दोनों देशों के अधिकारियों के अनुसार, कई महत्वपूर्ण एमओयू (MoUs) और समझौतों पर हस्ताक्षर की उम्मीद है।
27 लाख भारतीयों का सऊदी अरब में योगदान
सऊदी अरब में करीब 27 लाख भारतीय रहते हैं, जो देश में काम करने वाले विदेशी नागरिकों में दूसरा सबसे बड़ा समूह है। प्रधानमंत्री मोदी भारतीय समुदाय के साथ एक विशेष बातचीत भी करेंगे, जो भारतीय प्रवासियों के लिए एक गौरवशाली क्षण होगा। पीएम मोदी ने रवाना होने से पहले ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“भारत सऊदी अरब के साथ अपने ऐतिहासिक संबंधों को अत्यधिक महत्व देता है। पिछले दशक में हमारे द्विपक्षीय रिश्तों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।”
ऊर्जा, निवेश और डिजिटल सहयोग पर फोकस
सऊदी अरब भारत के लिए ऊर्जा सुरक्षा का एक अहम स्रोत है। तेल और गैस आपूर्ति को लेकर दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक साझेदारी रही है। अब दोनों देश ऊर्जा के परंपरागत स्रोतों से आगे बढ़कर हरित ऊर्जा, हाइड्रोजन और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्रों में भी साझेदारी की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
इसके अलावा डिजिटल अर्थव्यवस्था, स्टार्टअप्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्रों में भी सहयोग की उम्मीद है। सऊदी अरब के विजन 2030 और भारत के डिजिटल इंडिया मिशन के बीच कई सामंजस्य बिंदु हैं, जिन पर इस यात्रा के दौरान विस्तृत वार्ताएं होंगी।
बीते वर्षों में तेज़ी से बढ़ा सहयोग
साल 2024 की शुरुआत से अब तक भारत के 11 मंत्री सऊदी अरब की यात्रा कर चुके हैं, जो द्विपक्षीय संबंधों की गंभीरता को दर्शाता है। वहीं, सऊदी अरब के विदेश मंत्री और खनिज मंत्री ने भी नवंबर 2024 और फरवरी 2025 में भारत का दौरा किया था। इन यात्राओं के दौरान दोनों देशों ने व्यापार, खनिज संसाधन, स्वास्थ्य और पर्यटन के क्षेत्रों में सहयोग के नए अवसरों पर चर्चा की थी।
भारत-सऊदी व्यापार संबंध
भारत और सऊदी अरब के बीच द्विपक्षीय व्यापार निरंतर बढ़ रहा है। वर्ष 2023-24 में दोनों देशों के बीच व्यापार लगभग 52 अरब डॉलर के आंकड़े को छू गया था। भारत सऊदी अरब से मुख्यतः कच्चा तेल आयात करता है, जबकि सऊदी अरब भारत से फार्मास्युटिकल्स, कृषि उत्पाद, टेक्सटाइल और इंजीनियरिंग सामान खरीदता है।
रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण यात्रा
सऊदी अरब पश्चिम एशिया में भारत का एक प्रमुख रणनीतिक साझेदार है। इस यात्रा से भारत की ‘एक्ट वेस्ट पॉलिसी’ को बल मिलेगा। पश्चिम एशिया में भारत की मौजूदगी, विशेषकर सऊदी अरब जैसे प्रभावशाली देश के साथ गहरे संबंध, क्षेत्रीय संतुलन और ऊर्जा सुरक्षा के लिहाज से अत्यंत अहम हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह तीसरी सऊदी अरब यात्रा केवल औपचारिक कूटनीति भर नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच मजबूत और बहुआयामी रिश्तों का प्रतीक है। इस यात्रा के माध्यम से भारत-सऊदी अरब संबंध एक नए युग में प्रवेश कर सकते हैं, जिसमें पारंपरिक साझेदारी से आगे बढ़कर डिजिटल, हरित और रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग की नई संभावनाएं खुलेंगी।