उत्तराखंड बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (UBSE) ने वर्ष 2025 के 10वीं और 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम हाल ही में घोषित किए हैं। इस बार ऋषिकेश के एक मेधावी छात्र आयुष रावत ने इंटरमीडिएट परीक्षा में उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए राज्य स्तर पर तीसरा स्थान प्राप्त किया है।
सरस्वती विद्या मंदिर के छात्र ने बढ़ाया मान
आयुष रावत ने ऋषिकेश स्थित सरस्वती विद्या मंदिर, आवास विकास से 12वीं कक्षा की परीक्षा दी थी। उन्होंने कुल 500 में से 484 अंक प्राप्त किए हैं, जो कि 96.80% प्रतिशत है। इस शानदार प्रदर्शन के साथ आयुष ने न केवल अपने विद्यालय का नाम रोशन किया है, बल्कि अपने माता-पिता और पूरे क्षेत्र का गौरव भी बढ़ाया है।
पहले भी रहे हैं प्रदेश टॉपर
यह पहला मौका नहीं है जब आयुष ने राज्य स्तर पर अपना परचम लहराया हो। इससे पहले, वर्ष 2023 में आयोजित हाई स्कूल बोर्ड परीक्षा में भी आयुष ने प्रदेश स्तर पर दूसरा स्थान प्राप्त किया था। लगातार दो बार प्रदेश में टॉप करने से आयुष ने यह सिद्ध कर दिया है कि मेहनत और समर्पण से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।
परिवार की आर्थिक स्थिति, फिर भी नहीं टूटी हिम्मत
आयुष के पिता, बालम सिंह रावत, उत्तराखंड रोडवेज के ऋषिकेश डिपो में एक बस चालक के पद पर कार्यरत हैं। उनकी माता, अनीता रावत, एक गृहिणी हैं। आयुष का परिवार पहले आदर्श ग्राम (पुष्कर मंदिर रोड) स्थित एक किराए के मकान में रहता था, लेकिन हाल ही में वे डोईवाला स्थित अपने नए मकान में शिफ्ट हुए हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद इस परिवार ने आयुष की शिक्षा में कोई कमी नहीं आने दी।
दो बड़ी बहनों से मिला प्रेरणा का साथ
आयुष की दो बड़ी बहनें भी हैं, जो उन्हें पढ़ाई में प्रेरणा देती हैं। वे बताते हैं कि परिवार का सहयोग और बहनों का मार्गदर्शन उनकी सफलता का एक महत्वपूर्ण आधार रहा है।
किताबों को मानते हैं सबसे अच्छा मित्र
आयुष को किताबें पढ़ना बेहद पसंद है। वे पुस्तकों को अपना सबसे अच्छा दोस्त मानते हैं और अधिकतर समय अध्ययन में ही बिताते हैं। वे बताते हैं कि उन्होंने सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखी है और केवल जरूरत पर ही उसका इस्तेमाल करते हैं।
उनका मानना है कि सफलता का सबसे बड़ा मंत्र है — नियमित अध्ययन और एकाग्रता। वे छात्रों को सलाह देते हैं कि सोशल मीडिया पर समय बर्बाद करने के बजाय पढ़ाई पर ध्यान दें और अपने लक्ष्य को स्पष्ट रखें।
स्कूल और शिक्षकों का योगदान
आयुष अपनी सफलता का श्रेय अपने शिक्षकों और विद्यालय को भी देते हैं। सरस्वती विद्या मंदिर के शिक्षकों ने न केवल अकादमिक शिक्षा में सहयोग किया, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी मजबूत बनाया। विद्यालय प्रशासन और शिक्षकगण भी आयुष की सफलता पर गर्व महसूस कर रहे हैं।
भविष्य की योजनाएं
जब आयुष से उनके भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वे उच्च शिक्षा के लिए विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं और देश की सेवा करने का सपना देखते हैं। वे आगे चलकर आईआईटी या अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश लेकर इंजीनियरिंग या अनुसंधान के क्षेत्र में काम करना चाहते हैं।
समाज के लिए प्रेरणा
आयुष रावत की यह सफलता उन सभी छात्रों के लिए एक प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों में भी बड़ा सपना देखने की हिम्मत रखते हैं। उनके संघर्ष और समर्पण ने यह साबित कर दिया है कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता।
आयुष रावत की सफलता न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह उन सभी परिवारों और छात्रों के लिए एक संदेश है जो कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने का साहस रखते हैं। उत्तराखंड के इस होनहार छात्र को भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं