आठ साल की मोहब्बत ने ली जानलेवा करवट
उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने समाज और रिश्तों की गहराई को झकझोर कर रख दिया है। हल्दौर में कॉलेज के दिनों से प्रेम में डूबी शिवानी ने अपने ही प्रेमी और पति दीपक कुमार की गला घोंटकर हत्या कर दी। दोनों का रिश्ता आठ साल पुराना था, लेकिन 17 जनवरी 2024 को वह रिश्ता विवाह में तब्दील हुआ। छह महीने का बेटा वेदांत भी उनका था। अब वही शिवानी जेल में है और रो-रोकर दिन काट रही है।
प्रेमी से पति बना दीपक, लेकिन नहीं टिकी शादी
शिवानी और दीपक की मुलाकात हल्दौर के कॉलेज में हुई थी। पढ़ाई के दौरान दोनों का प्रेम संबंध शुरू हुआ। परिवार वालों को यह रिश्ता स्वीकार नहीं था, लेकिन दीपक ने अपनी सरकारी नौकरी लगने के बाद किसी तरह दोनों परिवारों को मना लिया और जनवरी 2024 में शादी हो गई। शादी के कुछ ही महीनों बाद दोनों के बीच झगड़े शुरू हो गए। बताया जा रहा है कि शिवानी का अपने ससुराल वालों से व्यवहार ठीक नहीं था, खासकर वह अपनी सास के साथ मारपीट तक करती थी।
हत्या को हार्ट अटैक बताने की कोशिश
चार अप्रैल 2025 को दीपक की अचानक मौत हो गई। शिवानी ने दीपक के ससुराल वालों को फोन कर बताया कि उसे हार्ट अटैक आया है और वह उसे अस्पताल ले जा रही है। उसने दीपक को पहले एक निजी अस्पताल, फिर समीपुर के स्वास्थ्य केंद्र और अंत में बिजनौर जिला अस्पताल ले जाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शिवानी चाहती थी कि पोस्टमार्टम न हो, लेकिन दीपक के गले पर निशान देखकर परिजनों को शक हुआ और पोस्टमार्टम करवाया गया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोल दी हत्या की सच्चाई
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि दीपक की मौत गला घोंटने से हुई थी, हार्ट अटैक से नहीं। इसके बाद दीपक के भाई पीयूष ने हत्या की तहरीर दी, जिसमें आरोप लगाया गया कि शिवानी ने नौकरी और फंड पाने की लालच में दीपक की हत्या की है।
36 घंटे की पूछताछ के बाद कबूला जुर्म
पुलिस ने शिवानी को हिरासत में लेकर 36 घंटे तक पूछताछ की। पहले तो वह गुमराह करती रही, लेकिन जब साक्ष्य उसके खिलाफ मजबूत हो गए, तब उसने हत्या करना स्वीकार कर लिया। उसने बताया कि पति से झगड़ा हुआ था, और उसी दौरान गुस्से में आकर उसने गला घोंट दिया।
जेल में गुमसुम, न खाना खा रही न सो पा रही
सोमवार को शिवानी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेजा गया। जेल में शिवानी पूरी रात रोती रही और करवट बदलती रही। उसने रात का खाना नहीं खाया, न ही सुबह का नाश्ता किया। जेल की महिला बैरक में अन्य महिलाओं ने उसे समझाया और वार्डन ने काउंसलिंग की, तब कहीं जाकर दोपहर में उसने दो रोटी खाई।
बेटे से भी हो गई जुदाई
दीपक की मौत के बाद उनका छह महीने का बेटा वेदांत उसके परिवार के पास है। शिवानी से उसका बेटा भी छीन गया। अब वह जेल की चारदीवारी के भीतर अकेली रह गई है। शिवानी बार-बार यही कह रही है कि दीपक उसके साथ मारपीट करता था और उसी झगड़े में उसने गला दबाया था।
हत्या में कोई और भी शामिल?
शिवानी ने पूछताछ के दौरान पुलिस को एक युवक का नाम लिया, लेकिन जांच में पता चला कि उसका कोई संबंध नहीं है। पुलिस अब भी इस बात की जांच कर रही है कि हत्या के समय शिवानी के साथ कोई और था या नहीं। एसपी सिटी के अनुसार, हत्या को कबूल करने के बावजूद शिवानी इस मामले में पूरी सच्चाई नहीं बता रही है।
रिश्तों का अंत या लालच की साजिश?
यह सवाल आज हर किसी के मन में है कि क्या यह हत्या केवल गुस्से में हुई या फिर नौकरी और सरकारी लाभ पाने की कोई बड़ी साजिश थी? पुलिस इस दिशा में भी जांच कर रही है। दीपक के परिवार वालों का साफ आरोप है कि शिवानी का इरादा पहले से ही गलत था और वह कई बार घर में झगड़ा कर चुकी थी
दीपक और शिवानी की कहानी पहले एक आम प्रेम कहानी लगती थी, जो शादी तक पहुंची। लेकिन शादी के एक साल के अंदर ही यह रिश्ता खून में डूब गया। अब शिवानी जेल में है, बेटा उससे दूर है और दीपक की मौत ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। पुलिस की जांच जारी है, लेकिन इस घटना ने यह सिखा दिया कि प्यार अगर विश्वास और सम्मान से ना भरा हो, तो वह कब बर्बादी में बदल जाए, कहा नहीं जा सकता।