छेड़छाड़ का विरोध बना नाबालिग की गलती
उत्तराखंड के शांत पहाड़ी जिले रुद्रप्रयाग में एक ऐसी दिल दहला देने वाली घटना हुई है जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। अपनी बहन की इज्जत की रक्षा करना एक 15 साल के मासूम को भारी पड़ गया। जब उसने छेड़छाड़ का विरोध किया, तो गांव के ही एक पिता-पुत्र की जोड़ी ने उस पर दरांती से हमला कर उसका कान काट डाला।
पंचायत चौक बना अपराध का गवाह
यह खौफनाक वारदात रुद्रप्रयाग कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में पंचायत चौक पर घटी। शाम करीब 6 बजे 44 वर्षीय मकान सिंह ने 16 साल की किशोरी के साथ अश्लील हरकत की। यह देख किशोरी का 15 वर्षीय भाई अनुज मौके पर पहुंचा और उसने विरोध जताया।
दबंग बाप-बेटे ने की दरिंदगी
अनुज का विरोध करना आरोपी मकान सिंह और उसके पिता हुकम सिंह को नागवार गुजरा। पहले बुजुर्ग हुकम सिंह ने अनुज को पकड़ा और फिर मकान सिंह ने दरांती से उस पर वार कर दिया। पहले उसका बायां कान काटा और फिर गले पर भी हमला किया।
परिजनों की तत्परता से बची जान
परिजनों ने बताया कि अगर वे मौके पर समय से न पहुंचते, तो आरोपी अनुज को मौत के घाट उतार देते। गंभीर रूप से घायल अनुज को पहले जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे बेस अस्पताल रेफर किया गया।
पुलिस में दर्ज हुआ केस, मगर कार्रवाई पर सवाल
पीड़ित परिजनों की तहरीर पर रुद्रप्रयाग कोतवाली पुलिस ने पॉक्सो एक्ट, हत्या की कोशिश, मारपीट और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। मगर परिजनों का आरोप है कि FIR दर्ज होने के बावजूद आरोपी अब तक खुलेआम घूम रहे हैं।
क्या कहती है पुलिस?
कोतवाल निरीक्षक मनोज नेगी का कहना है कि केस दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है। उन्होंने कहा कि दोनों आरोपियों को पकड़ने के लिए टीमें गठित की गई हैं और जल्द ही गिरफ्तारी होगी।
पड़ोसियों में डर, इलाके में तनाव
इस घटना के बाद गांव के लोग सदमे में हैं। पंचायत चौक जैसे सार्वजनिक स्थान पर इतनी भयावह घटना ने पूरे इलाके में डर का माहौल बना दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि आरोपी वर्षों से दबंगई दिखाते रहे हैं।
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया
घटना के बाद कई सामाजिक संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि पीड़ित नाबालिग ने अपने परिवार की रक्षा के लिए जो साहस दिखाया, उसे सलाम है, लेकिन उस पर इस तरह का हमला होना निंदनीय है।
सवाल यह है…
क्या एक बहन की इज्जत बचाने का यही इनाम है? क्या समाज में अब बहनों की रक्षा करने वाले भाइयों को इस तरह बर्बरता झेलनी पड़ेगी? क्या कानून के डर के बिना अपराधी बेखौफ नहीं होते जा रहे?
क्या हो अगला कदम?
- आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी की जाए
- पीड़ित परिवार को सुरक्षा और मुआवजा मिले
- घायल अनुज का मुफ्त इलाज सुनिश्चित किया जाए
- गांव में पुलिस गश्त बढ़ाई जाए
- महिलाओं की सुरक्षा के लिए पंचायत स्तर पर सख्त नियम लागू हों
रुद्रप्रयाग की यह घटना समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम सच में सुरक्षित हैं? क्या बहनों की रक्षा करने वाले भाइयों की इस तरह की कुर्बानी पर हम केवल चुप रहेंगे? अब समय आ गया है कि समाज, पुलिस और प्रशासन मिलकर ऐसे दरिंदों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें ताकि अनुज जैसे साहसी बच्चों को न्याय मिल सके।