कांग्रेस का भरोसा फिर से मनोज रावत पर
केदारनाथ विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने पूर्व विधायक मनोज रावत को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। यह निर्णय पार्टी की ओर से उनके पिछले कार्यकाल और क्षेत्र में उनकी सक्रियता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। मनोज रावत 2017 से 2022 तक केदारनाथ के विधायक रह चुके हैं। 2022 के चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें फिर से टिकट दिया था, लेकिन उस चुनाव में वे तीसरे स्थान पर रहे। इसके बावजूद वे लगातार अपने क्षेत्र में सक्रिय रहे और लोगों के बीच अपनी उपस्थिति बनाए रखी।
नामांकन प्रक्रिया जारी, 29 अक्टूबर है अंतिम तिथि
केदारनाथ विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मंगलवार से निशुल्क नामांकन पत्रों का वितरण किया जा रहा है। पांचवें दिन तक पांच उम्मीदवारों ने नाम निर्देशन पत्र लिए हैं, जिनमें आलोक कुमार, वीर सिंह बुढेरा, रणप्रीत सिंह, सुमंत तिवारी और कांग्रेस के प्रत्याशी मनोज रावत शामिल हैं। अब तक कुल 11 प्रत्याशियों ने नाम निर्देशन पत्र प्राप्त किए हैं। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 29 अक्टूबर है।
नामांकन पत्रों की जांच और नाम वापसी
29 अक्टूबर को नामांकन की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद 30 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। इसके बाद 4 नवंबर को नाम वापसी की अंतिम तिथि है। चुनाव आयोग ने उपचुनाव की पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और सुचारू बनाने के लिए आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए हैं।
20 नवंबर को होगा मतदान
केदारनाथ विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव 20 नवंबर को संपन्न होंगे। चुनाव के नतीजे कांग्रेस के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होंगे, क्योंकि यह पार्टी के लिए अपनी स्थिति मजबूत करने का एक अवसर है। पिछले चुनाव में हार के बावजूद कांग्रेस ने एक बार फिर मनोज रावत पर भरोसा जताया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि पार्टी उन्हें क्षेत्र में एक मजबूत चेहरा मानती है।