उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जनपद के ओजरी बड़कोट में एक एनआरआई महिला की जमीन को विक्रय और खुर्दबुर्द करने का मामला सामने आया है। स्थानीय प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं, पूर्व विधायक मालचंद और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जशोदा राणा ने एनआरआई महिला द्वारा लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उक्त महिला के हिस्से की जमीन यथावत है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि आरोप लगाने वाली महिला और निराधार खबरें प्रकाशित करने वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
पूर्व विधायक मालचंद ने कहा, “अनु अनुसूचित जाति का व्यक्ति सवर्ण की जमीन कैसे विक्रय कर सकता है? हमारे पास जिलाधिकारी से विक्रय के लिए अनुमति है। यह सारी घटनाएं मुझे बदनाम करने की साजिश हैं।” उन्होंने आगे कहा कि बड़कोट की राजस्व टीम मामले की जांच कर रही है, जिसमें उनका पूरा सहयोग है। मालचंद ने यह भी स्पष्ट किया कि एनआरआई महिला शशि नेस्ले प्रिटोरियस के पास जिन जमीनों का जिक्र किया जा रहा है, वे उनकी व्यक्तिगत संपत्ति हैं और इनमें कोई भी खुराफात नहीं की गई है।
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जशोदा राणा ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ओजरी में ली गई जमीन में चार साझीदार थे, जिनमें से एनआरआई महिला और उनके भाई कर्नल थापा की जमीन यथावत है। “हमने केवल अपने हिस्से की जमीन बेची है। हमारी टीम ने सभी अभिलेखों और तथ्यों के साथ अपना पक्ष दिया है,” राणा ने कहा। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि एक एनआरआई महिला के पास इतनी बड़ी मात्रा में जमीन खरीदने की अनुमति कैसे मिली।
जशोदा राणा ने आरोप लगाया कि नगर पालिका चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक द्वेष से प्रेरित होकर कुछ लोग इस मामले को लेकर उन्हें बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “मानहानि करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा और हम अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।” साथ ही, उन्होंने जांच टीम को पूरा सहयोग देने का भरोसा भी दिया।
संपादकीय टिप्पणी: इस मामले में स्थानीय प्रशासन की जांच से जल्द ही स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद है।