देहरादून: उत्तरकाशी जिले के पूर्व विधायक मालचंद और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जसोदा राणा पर एक एनआरआई महिला ने गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला का कहना है कि इन दोनों नेताओं ने उनके साथ करोड़ों की जमीन धोखाधड़ी की। एनआरआई महिला ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है और एक भावुक वीडियो भी साझा किया है, जिसमें महिला ने अपनी पूरी कहानी बयान की है।
महिला का कहना है कि उसने पहाड़ों में एक अस्पताल खोलने के लिए जमीन खरीदी थी, और इस क्रम में उसने विकास नगर में कालिंदी हॉस्पिटल खोला, जिसमें उसका 51% हिस्सेदारी है। लेकिन, महिला का दावा है कि अस्पताल में उसे कभी भी घुसने नहीं दिया गया और जब उसने एक बार अस्पताल में जाने की कोशिश की, तो उस पर जानलेवा हमला कराया गया।
महिला ने आगे कहा कि मालचंद और जसोदा राणा ने उन्हें विश्वास में लेने के लिए उन्हें और उनके भाई विजय थापा को चालदा महाराज के मंदिर में ले जाकर कसम खाई थी कि वे कभी विश्वासघात नहीं करेंगे। इसके बाद, 2008-09 में ओजरी गांव में जमीन खरीदी गई, जिसमें उसने साझेदारी की थी। महिला के अनुसार, उसे 135 नाली जमीन दिखायी गई, लेकिन अब पता चला है कि उसके नाम पर केवल 15 नाली जमीन है, और वह भी बिना उसकी सहमति के किसी और को बेच दी गई है।
वीडियो में महिला ने भावुक होते हुए कहा, “उत्तराखंड देवभूमि का न्याय हमें समझने में थोड़ा वक्त लगेगा।” इसके साथ ही, उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं, तो इस मामले में भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
बीजेपी में मच गई खलबली
इस मामले की गंभीरता को लेकर भाजपा में खलबली मच गई है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता नवीन ठाकुर ने कहा, “भ्रष्टाचार के मामलों में पहले भी पार्टी ने बड़े-बड़े पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है और इस मामले में भी उचित कार्रवाई की जाएगी।”
कांग्रेस का भी सवाल
कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को लेकर सवाल उठाए हैं। प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा, “महिला द्वारा लगाए गए आरोप गंभीर हैं। हमें उम्मीद है कि बीजेपी सत्ता के दबाव में जांच को प्रभावित नहीं करेगी और दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
जांच जारी
इस पूरे मामले की जांच गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे द्वारा की जा रही है। हालांकि, महिला द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के मद्देनजर यह सवाल उठ रहा है कि क्या बीजेपी मालचंद के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई करेगी या फिर यह सिर्फ बयानबाजी तक सीमित रह जाएगा।
अब देखना यह है कि इस मामले में सच्चाई सामने आती है या फिर यह मुद्दा राजनीति के दलदल में फंस कर रह जाएगा।