देहरादून :देहरादून की गौशाला में पहला गौ आइसोलेशन वार्ड खुला है। दून एनिमल वेलफेयर संस्था द्वारा पहला आइसोलेशन वार्ड बना कर तैयार किया है। आइसोलेशन वार्ड का मकसद अधिक से अधिक संख्या में घायल गायों का रेस्क्यु कर उनको अच्छी सेवा व ट्रीटमेंट दे कर उनकी जान को समय रहते बचाया जा सके।
आइसोलेशन वार्ड में 24 घंटे एक हेल्पर और एक प्राइवेट डाक्टर हमेशा तैनात रहेंगे ताकि दिन रात सभी घायल गायों को सेवा दी जा सकें। आइसोलेशन वार्ड को मेंटेन करने के लिए कूलर पंखों की व्यवस्था की गई है ताकि हर मौसम में एयर को मेंटेन किया जा सके। 24 घंटे ठंडे पानी व पोस्टिक आहार जैसे हरा चारा, खल, मिनरल मिक्सचर,चोकर , गुड आदि की सुविधा भी की गई है। घायल गायों को पौष्टिक आहार मिल सके और गाय जल्द से जल्द ठीक हो सके। 24 घंटो में कभी भी इमर्जेंसी पड़ने पर वेटनरी डाक्टर की भी सुविधा दी जा रही है। ताकि बडी से बड़ी समस्या होने पर समय रहते गाय को खतरे से बहार निकाल कर उसकी जान बचाई जा सके।
वहीं मोबाइल एंबुलेंस घायल गायों को रोड से उठा कर गौ शाला तक शिफ्ट करने के लिए पशु कल्याण विभाग के निदेशक डॉक्टर नीरज सिंघल ने वैन का उद्घाटन किया। साथ ही सराहना की गई की यह अब तक की सबसे बेहतर सुविधा है। सिंघल कहा कि गायों के रोड ऐक्सिडेंट में जान चली जाती थी पर सीमित संसाधन होने की वजह से सभी गायों को बचा पाना पॉसिबल नही हो पाता था। अब एक कमान और एड होने से गायों को राहत मिलेगी।
वही गौ सेवा आयोग के अध्यक राजेंद्र अंठवाल ने आइसोलेशन वार्ड का उद्धघाटन करते हुए कहा कहा यह हम सब गौ भक्तो के लिए एक खुशी का दिन है। कहा कि जहा आए दिन रोड पर रोज एक्सीडेंट में गौ माता घायल हो जाती है और कोई जल्दी से सुध नहीं ले पाता ऐसे में ऐसी संस्थाएं ही कमान संभालते हैं। कहा कि दून एनिमल वेलफेयर संस्था द्वारा ये एक सराहनीय कार्य किया गया है।
संस्था के संस्थापक आशु अरोड़ा ने बताया यह आइसोलेशन वार्ड 24 घंटे अपनी सेवा देता रहेगा। जिसमें एक हेल्पर और एक प्राइवेट डॉक्टर हमेशा उपस्थित रहेंगे। साथ ही, वार्ड के अंदर कूलर पंखों की व्यवस्था भी की गई है, ताकि मौसम के अनुकूल वातावरण में भी गायों को सही धारा में हवा मिल सके। बताया कि इस वार्ड में 24 घंटे ठंडे पानी और पोषणपूर्ण आहार की सुविधा भी है, ताकि गायों को उचित पोषण और देखभाल मिल सके। इसके अलावा, इमर्जेंसी स्थिति में वेटनरी डॉक्टर की सुविधा भी उपलब्ध है, जो गायों को किसी भी समस्या के समय सहायता प्रदान करेंगे। बताया कि दून एनिमल वेलफेयर संस्था में लगभग1700 से अधिक घायल बीमार गौमाता की सेवा की जाती है।