देहरादून: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने वाली कमेटी का कार्यकाल 28 सितंबर को खत्म हो रहा है। ऐसे में एक बार फिर कमेटी का कार्यकाल चार महीने के बढ़ाया जा सकता है। जिसकी चर्चा सरेआम हो रही है। अभी तक दो बार कमेटी का कार्यकाल बढ़ाया जा चुका है। जबकि अब तीसरी बार कार्यकाल बढ़ाया जा था है। कमेटी की और से अभी तक यूसीसी का ड्राफ्ट सरकार को नहीं सौंपा गया है। जबकि सरकार की ओर से कहा जा रहा था की जल्द ही कमिटी जल्द ही मसौदे को सरकार को सौंप देगी। वही कार्यकाल समाप्ति के चलते विशेषज्ञ समिति ने शासन को प्रस्ताव भेजा है कि कार्यकाल को विस्तार दिया जाए ताकि बचे हुए काम को पूरा करते हुए ड्राफ्ट सरकार को सौप सके।
इस पूरे मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने कहा है कि संविधान में यह स्पष्ट है कि जब तक केंद्र इसमें कानून लेकर नहीं आएगा तब तक राज्य में कानून लागू नहीं हो सकता, यही कारण है कि कमेटी का कार्यकाल बढ़ाने की बात की जा रही है। बताया की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाने वाली कहानी को चरितार्थ कर रहे हैं।