यात्रा का महत्व
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार दिवसीय फ्रांस और अमेरिका यात्रा की शुरुआत की है। यह दौरा भारत की कूटनीतिक स्थिति को मजबूत करने और वैश्विक स्तर पर उसकी भूमिका को और सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
फ्रांस में कार्यक्रम
फ्रांस में प्रधानमंत्री मोदी AI एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता करेंगे। इस सम्मेलन में दुनिया भर के नेता और टेक विशेषज्ञ शामिल होंगे और AI तकनीक के उपयोग और उसके प्रभाव पर चर्चा करेंगे।
इसके अलावा, पीएम मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ उच्चस्तरीय वार्ता करेंगे, जिसमें व्यापार, सुरक्षा और रक्षा जैसे प्रमुख विषय शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, मार्सिले स्थित अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर (ITER) परियोजना का निरीक्षण भी उनके कार्यक्रम में शामिल है। यह परियोजना भविष्य में स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ा योगदान दे सकती है।
अमेरिका यात्रा: ट्रंप से विशेष मुलाकात
फ्रांस के बाद प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका की यात्रा करेंगे, जहां वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। यह मुलाकात इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप के दोबारा चुने जाने के बाद यह दोनों नेताओं की पहली मुलाकात होगी।
इस दौरान भारत और अमेरिका के बीच कई अहम समझौतों पर चर्चा की जाएगी, जिनमें रक्षा सहयोग, व्यापारिक संबंध और तकनीकी निवेश से जुड़े मुद्दे शामिल होंगे। दोनों नेताओं की इस बैठक में एशिया-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा और वैश्विक राजनीति से जुड़े विषयों पर भी चर्चा होने की संभावना है।
भारत-अमेरिका संबंधों में नया अध्याय
भारत और अमेरिका के बीच संबंध पहले ही काफी मजबूत हो चुके हैं, लेकिन इस यात्रा से दोनों देशों के बीच रणनीतिक और व्यापारिक साझेदारी को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। अमेरिकी कंपनियों के भारत में निवेश को लेकर भी कई घोषणाएं इस दौरान हो सकती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा भारत के कूटनीतिक एजेंडे को मजबूती देने और वैश्विक संबंधों को नए स्तर पर ले जाने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। फ्रांस और अमेरिका दोनों ही भारत के महत्वपूर्ण सहयोगी देश हैं, और इस यात्रा के दौरान होने वाली वार्ताएं भारत के लिए नई संभावनाएं लेकर आ सकती हैं।